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Showing posts from April, 2020

ज़िन्दगी कदम कदम पर इम्तिहान लेती है Motivational poetry by Vipin Dilwarya

           " Motivational poetry "  ज़िन्दगी कदम कदम पर इम्तिहान लेती है  ज़िन्दगी कदम कदम पर इम्तिहान लेती है इसमें  कोई  पास तो  कोई  फेल  होता  है अच्छी बुरी परिस्थिती, दोनों में जो मुस्कुरायें वही इन्सान अपनी ज़िन्दगी में सफ़ल होता है सुख - दु:ख  दोनों  जीवन  के  साथी  है पतझड  के  बाद  फिर  बहार  आती  है तिनका तिनका चुनकर कहां कहां से लाती है सीख पंछियों से, कैसे अपना घौंसला बनाती है मुश्किलें हज़ार आयेगीं पर हौंसला ना तोड़ कदम बढायें चल पार होगा हर मुश्किल मोड़ टूट  जाएगा जर्रा - जर्रा  तेरे  जिस्म  का जब  लगने  लगे  डूब  गया  मेरा  नशीब रुकना नही  झुकना  नही बढ़ते  चले  जाना समझ लेना उस वक्त होगी मंजिल तेरे करीब होगें जरुर सफ़ल बदलेगा जीवन का आकार मुकाम हसिंल होगा, होगा तेरा सपना साकार ना दिखावा ना फालतु का शौर होना चाहिये दुनियां में बस सफलता का शौर होना चाहिये ना दौलत से ना शोहरत से पहचान होनी चाहिये दुनियां में नाम की पहचान काम से होनी चाहिये ज्यादा  ख़ुशी , ना  ज्यादा  गम  होने  चाहिये ज़िन्दगी में बस  खुशी के दो पल होने चाहिये लम्बी   ज़

नशे वालो को संभलतें , होश वालों को फिसलते देखा है by Vipin Dilwarya

              नशे  वालो  को  संभलतें           होश वालो को फिसलते देखा है दिल  मे  बसनें  वालो  को मैनें  दिल  से  निकलते  देखा है नशे  वालो  को  संभलतें और होश वालो को फिसलते देखा है जो कहते थे हम तो पत्थर दिल है मैनें हुस्न-ओ-शबाब पर उन्हें भी पिघलते देखा है बड़ा गुरूर है इन चांद सितारों पर इस आसमां को मैनें चांद में गृहण और सितारों को भी आसमां में टूटते देखा है सावन के महिने में भी जो बादल नखरें करते है बरसने के लिये उन्ही बादलों को मैनें बिन मौसम बरसते देखा है एक एक मोती चुनकर उनको सहेजकर एक माला बनाई थी उसने मैनें उस माला को भी टूटकर बिखरते देखा है आसमां को इस ज़मी पर उतरते देखा है जो खुद को इस ज़मीं का ख़ुदा समझ बैठे थे मैनें उस ख़ुदा से उसे भी मौत माँगते देखा है By _ Vipin Dilwarya

इश्क़ विश्क प्यार व्यार सबके बस की बात नही by Vipin Dilwarya

इश्क़ विश्क प्यार व्यार                          सबके बस की बात नही ये इश्क़ विश्क प्यार व्यार सबके बस की बात नहीं इसमें सब कुछ दाव पर लगाना पड़ता है एक अपनी मोहब्बत को खुश  करने के लिये अपनी  खुशियों  को  कुर्बान  करना  पड़ता है बड़े नाजो से पला, शौक  जिसके  बड़े होते है एक उसके लिये अपने शौक भूलाना पड़ता है ये इश्क़ विश्क प्यार व्यार सबके बस की बात नहीं इसमें सब कुछ दाव पर लगाना पड़ता है जो कभी  माँ  की  आँखो से ओझल ना हुआ एक प्यार के लिये उसे दर दर भटकना पड़ता है जो माँ - बाप की  एक बात को भी ना सुनता उसके  एक  इशारे पर  उसे  चलना पड़ता है जो अपने  घर  का  राजा  बेटा होता है , उसे अपने प्यार के लिये गुलाम बन जाना पड़ता है ये इश्क़ विश्क प्यार व्यार सबके बस की बात नहीं इसमें सब कुछ दाव पर लगाना पड़ता है इज़्जत विज़्ज़त खोकर बदनाम वादनाम होकर जमाने में उसके लिये बेशर्म बन जाना पड़ता है एक प्यार मोहब्बत का रिश्ता बनाने के लिये अपने  सब  रिश्तों  को  तोड  जाना  पड़ता है अपने चार दिन के प्यार की खातिर भाई बहन और मां बाप के प्यार को छोड जाना पड़ता है ये इश्क़ एक ऐस