मैंने पूछा ज़िन्दगी क्या है ? __ विपिन दिलवरिया
मैंने पूछा ज़िन्दगी क्या है ? मैंने पूछा ज़िन्दगी क्या है ? किसी ने कहा नरक , किसी ने कहा जन्नत किसी ने कहा गम , किसी ने कहा मोहब्बत किसी ने कहा दुआ ,किसी ने कहा बददुआ किसी ने कहा मौका , किसी ने कहा धौखा किसी ने कहा नियम , किसी ने कहा सयंम किसी ने कहा श्रम, किसी ने कहा मतिभ्रम किसी ने कहा ज़िन्दगी का नाम जिहान है किसी ने कहा ज़िन्दगी का नाम इम्तिहान है किसी ने कहा सफ़र मंजिले-ए-ज्ञान का किसी ने कहा सफ़र मंजिले-ए-निर्वाण का लोग कहते गये और मैं सुनता गया मगर मैं ज़िन्दगी को कभी समझ ना पाया अन्तिम साँस तक शब्द चुनता गया मगर ज़िन्दगी को परिभाषित कर ना पाया __विपिन दिलवरिया ( मेरठ )