"" बेरोज़गारी का आलम "" by Vipin Dilwarya
"" बेरोज़गारी का आलम "" स्नातक उत्तीर्ण किया आई खुशियों की बहार , पल भर की थी ये खुशियां हमसे पहले स्नातक अब तक है बेरोजगार , दिन - रात मेहनत करते प्रतिस्पर्धा के लिए करते रहते नौकरी निकलने का इंतेज़ार । दिन पर दिन बढ़ते जा रहे बेरोजगार भर्ती नहीं कर रही सरकार , रिक्त पदों की संख्या बढ़ रही बेरोज़गारी निरन्तर बढ़ती जा रही , ना जाने कब नोकरी आएगी होता उस पल का इंतेज़ार । चलो तरस आया भइया बेरोजगारों पर सरकार को , विज्ञप्ती हुई अब भर्ती करेंगे चपरासी और चौकीदार को , फॉर्म भरे गए जब साइट जाम हो गई आधो के फॉर्म भरे गए और आधे रह गए कतार में , हद तो तब हो गई नौकरियां थी पचास हजार और फॉर्म भरे गए बीस करोड़ पचास हजार , ऐसे हमारे देश के हालात कितनी है नौकरियां और कितने है बेरोजगार , चलो ठीक है भइया मान लिया नौकरी है कम और ज्यादा है बेरोजगार , तो इसलिए आ गए फॉर्म बीस करोड़ पचास हजार , छटनी हुई जब फार्मों की दंग रह गए सभी देखकर बेरोज़गारी के ऐसा आलम , पी0 एच0 डी0 धारक बनने को तैयार है चपरासी और चौकीदार ,