" मां का प्यार " by Vipin Dilwarya

 "  मां का प्यार  "


दर्द तो है पर कभी 
दर्द - ए - गम ना हुआ ,
रुखसत हो गई जिस दिन मेरी मां ,
दर्द भी हुआ उस दिन
दर्द - ए - गम भी हुआ ।

इस दुनिया में चाहने वाले 
और प्यार करने वाले तो बहुत है ,
मगर मेरी मां जैसा 
प्यार मुझे किसी ने ना किया ।

ये इश्क़ , ये प्यार , ये मोहब्बत 
को मैं कभी समझ नहीं पाया 
कितने रंग है इसके मैं कभी गिन नहीं पाया ,
रंग मोहब्बत का अगर सच्चा है
तो वो मां की मोहब्बत का है ,
बाकी सब  तो 
खेल , दिखावा और मोहमाया है ।

आजमाकर देखा है मैंने 
हर एक रिश्ता ,
सबने वक्त - वक्त के हिसाब
से प्यार किया 
और वक्त - वक्त के हिसाब 
से मुझे इस्तेमाल किया  ,

बस एक मां है जिसने
हर वक्त मेरा साथ दिया 
और बेवक्त भी मुझे प्यार किया  ।


By _ Vipin Dilwarya


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