" मां का प्यार " by Vipin Dilwarya
" मां का प्यार "
दर्द तो है पर कभी
दर्द - ए - गम ना हुआ ,
रुखसत हो गई जिस दिन मेरी मां ,
दर्द भी हुआ उस दिन
दर्द - ए - गम भी हुआ ।
इस दुनिया में चाहने वाले
और प्यार करने वाले तो बहुत है ,
मगर मेरी मां जैसा
प्यार मुझे किसी ने ना किया ।
ये इश्क़ , ये प्यार , ये मोहब्बत
को मैं कभी समझ नहीं पाया
कितने रंग है इसके मैं कभी गिन नहीं पाया ,
रंग मोहब्बत का अगर सच्चा है
तो वो मां की मोहब्बत का है ,
बाकी सब तो
खेल , दिखावा और मोहमाया है ।
आजमाकर देखा है मैंने
हर एक रिश्ता ,
सबने वक्त - वक्त के हिसाब
से प्यार किया
और वक्त - वक्त के हिसाब
से मुझे इस्तेमाल किया ,
बस एक मां है जिसने
हर वक्त मेरा साथ दिया
और बेवक्त भी मुझे प्यार किया ।
By _ Vipin Dilwarya
Good comment
ReplyDeleteThank you 🙏
DeleteGood comment
ReplyDeleteAwesome poetry
ReplyDeleteThanks brother
DeleteNice
ReplyDeleteThanks you so much
Deleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteThanks brother
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