" इसमें कुछ खास बात है " by Vipin Dilwarya
" इसमें कुछ खास बात है "
अक्सर
मिलना और बिछड़ना
ये तो आम बात है ,
लेकिन
आज बिछड़कर याद करना
इसमें कुछ खास बात है ।
यूं महफ़िल में
बोलना - चालना
ये तो आम बात है ,
मगर
आज यूं बेवजह
मुस्कुराकर बात करना
इसमें कुछ खास बात है ।
गलियों से तो हम
उसकी रोज गुजरते थे ,
मगर
आज यूं दरवाजे
पर इंतेज़ार करना
इसमें कुछ खास बात है ।
उनके नज़रअंदाज़ करने
से हमें कोई शिकवा नहीं
ये तो आम बात है ,
मगर
आज बार - बार
नज़रें चुराकर नज़रें मिलना
इसमें कुछ खास बात है ।
लाख कोशिश की
मैंने उनसे मिलने की
मगर
आज उनका
घर पर मिलने आना
इसमें कुछ खास बात है ।
By _ Vipin Dilwarya
Nice
ReplyDeleteThanks...
DeleteOsm bro
ReplyDeleteThanks brother
DeleteNice bro,
ReplyDelete������