( मां ) Mother poetry in Hindi by Vipin Dilwarya
" मां "
" Mother " poetry in Hindi
मां महज एक शब्द नहीं ,
इस शब्द में समाया
पूरा संसार है ।
ये चांद , ये सितारे और ये सूरज
सब से मिलकर बना ये आसमां है ,
ये जीव , ये जंतु और ये इंसान
सबके जीवन का आधार बस मां है ।
मां - बाप ही ईश्वर
मां - बाप ही भगवान है ,
मां - बाप के बिना
अधूरा हर इंसान है ।
आज मैं जो कुछ भी हूं
ये बस मां का प्यार है
मां बस मां नहीं ,
मां ही मेरा संसार है ।
सत्यता है बस
मां के प्यार में ,
बाकी सब मिथ्या है
इस संसार में ।
मां के लिए बहुत कुछ
लिखना चाहता हूं ,
सोचता हूं , लिखता हूं
और मिटा देता हूं ,
बस मां लिखकर
आगे निशब्द हो जाता हूं ।
By _ Vipin Dilwarya
Wa wa
ReplyDeleteThanks brother
Deleteheart touching
ReplyDeleteThank u so much
DeleteVery nice
ReplyDeleteThank u so much
Deleteमां बस मां नहीं,
ReplyDeleteमां ही मेरा संसार है।
यह पंक्ति बेहद ही मर्मस्पर्शी है।
बहुत खूबसूरत लिखा है आपने।🙏🙏🙏👌
Thank you so much
Delete🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Good comment brothers
ReplyDeleteThank you so much 🙏 🙏
Deletev good
ReplyDeleteबेहतरीन कविता
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