( मां ) Mother poetry in Hindi by Vipin Dilwarya



  "  मां  "

" Mother " poetry in Hindi 



   मां महज एक शब्द नहीं ,
   इस शब्द में समाया
   पूरा संसार है  ।

   ये चांद , ये सितारे और ये सूरज
   सब से मिलकर बना ये आसमां है ,
   ये जीव , ये जंतु और ये इंसान
   सबके जीवन का आधार बस मां है  ।

   मां - बाप ही ईश्वर
   मां - बाप ही भगवान है ,
   मां - बाप के बिना
   अधूरा हर इंसान है  ।

   आज मैं जो कुछ भी हूं
   ये बस  मां  का प्यार है
   मां  बस  मां  नहीं ,
   मां  ही  मेरा  संसार  है  ।

   सत्यता है बस
   मां के प्यार में ,
   बाकी सब मिथ्या है
   इस संसार में  ।

   मां के लिए बहुत कुछ
   लिखना चाहता हूं ,
   सोचता हूं , लिखता हूं
   और मिटा देता हूं ,
   बस मां लिखकर
   आगे निशब्द हो जाता हूं  ।



By _ Vipin Dilwarya

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