पेड़ों का दर्द ( Pain of trees ) by _ Vipin Dilwarya ( Published by newspaper )
पेड़ों का दर्द
हां मैं पेड़ हूं ,
मरने से मै भी डरता हूं
कटता जा रहा हूं दिन पर दिन
कौन समझेगा मेरा दर्द यहां ।।
ये इंसान है,
इंसान का दर्द नहीं समझता
मेरी क्या बिसात है ,
इंसान काटता है मुझे अपने लाभ के लिए
नहीं सोचता किसी के बारे में यहां ।
दिखते नहीं हैं आंसू मेरे ,
रोता मै भी बहुत हूं कटते हुए ,
मैंने तुझे हवा दी , छांव दी , हरियाली दी ,
मुझे इसका सिला क्यों नहीं मिलता यहां ।
हां मैं पेड़ हूं ,
मरने से मै भी डरता हूं
कटता जा रहा हूं दिन पर दिन
कौन समझेगा मेरा दर्द यहां ।।
तकनीकी के इस दौर में तू मुझे भूल गया ,
सोचता है तेरा विकास हो रहा है ।
मत काटो मुझे संभलजाओ ए इंसान ,
तेरा विकास नहीं तेरा विनाश हो रहा हैं ।
आज तुझे लगता है कि मेरी जरूरत नहीं यहां ।
काटते रहे मुझे इस कदर ए इंसान
तू एक दिन मेरी छांव के लिए तरसेगा यहां ।
फर्क बस इतना है इंसान ,तुझमें और मुझमें
तू जो करता है अपने लिए करता हैं ,
तुझे बस अपना - अपना दिखता हैं ,
मैं तो तेरे लिए मर जाता हूं ,
मरने के बाद भी बाजारों में बिकता यहां ।
हां मैं पेड़ हूं ,
मरने से मै भी डरता हूं
कटता जा रहा हूं दिन पर दिन
कौन समझेगा मेरा दर्द यहां ।।
** प्लीज पेड को काटिए नहीं , पेड़ लगाइए इसी से हमारा जीवन हैं ।
🙏🙏🙏 "पेड़ बचाओ , पेड़ लगाओ" 🙏🙏🙏
Supper
ReplyDeleteThank you bhai
DeleteSave trees
ReplyDeleteपेड़ों की कटाई रोक लगनी चाहिए , बर्बाद हो रहा है पर्यावरण ।
DeleteSave trees
ReplyDeleteपेड़ों से जीवन हैं ।
DeleteSuperub
ReplyDeleteThank u so much
Deletebhai bhai development itna ho raha h ki insan ko ped podho ki upyogita bhi dikhai nhi deti
ReplyDeletethnks for this moral blog
Thank u Bhai 🙏
Deleteपेड़ो का कटान बहुत हानिकारक है हमारे आने वाले जीवन के लिए ।
"पेड़ बचाओ पेड़ लगाओ"
🙏🙏
Bilkul sahi line like h
ReplyDeleteSuper... 👌👌👌👌
Thanks... A lot
Delete5 पेड़ 1 week में लगाया करो सभी best paaji...
ReplyDeleteThan u Bhai
DeleteBilkul sahi kah rahe ho
Ped lagao
Nice poem
ReplyDeleteThank u 🙏🙏
DeleteGood comant in
ReplyDeleteThank u 🙏
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