[ अनाथ बच्ची ] एक नन्ही सी जान.. by Vipin Dilwarya ( published by Amar Ujala kavya )

 अनाथ बच्ची एक नन्ही सी जान..


  मैं मासूम थी , नादान थी ,
हर बात से अंजान थी ।
मेरा कुसूर क्या था
जो तूने मुझे छोड़ दिया ,
मैं तो नन्ही सी जान थी ।।

बोझ समझा तुमने मुझे
क्या मैं इतनी बुरी थी ,
लड़की हूं मैं तो इसमें 
मेरी क्या गलती थी ।
मेरा जीवन तो तेरी देन है
 फिर क्यूं हम में इतनी दूरी थी ,
जब तूने मुझे छोड़ दिया 
तो मैं अन्दर से टूट गई थी ।

मां.. तुझे मुझ पर
तन भी तरस ना आया ,
कि मुझ पर क्या बीतेगी
मैं तेरे बिना कैसे रह पाऊंगी ।
मां.. तू तो मुझे समझती ,
मैं अगर लड़की हूं 
तो तू भी किसी की लड़की थी ।

लड़की होना अगर गुनाह है पाप है
तो वो पाप कभी तूने भी किया था ।
अपने से दूर ही करना था 
तो मुझे पैदा क्यों किया था ।

जिस पल मैं पैदा हुई 
ना जाने वो काला दिन था 
या कली रात थी ।
कैसी किस्मत मैंने पाई
मां बाप के होते हुए भी मै अनाथ थी ।

मैं मासूम थी , नादान थी ,
हर बात से अंजान थी ।
मेरा कुसूर क्या था
जो तूने मुझे छोड़ दिया
मैं तो नन्ही सी जान थी ।।



               https://vipindilwarya.blogspot.com



__ विपिन दिलवारिया


Comments

  1. Superb kahan kahan selate ho yeideas

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  2. Superb kahan kahan selate ho yeideas

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    Replies
    1. Thanks ... Bs aise hi Jo Dil m AATA h likh dete h

      Delete
  3. Wah bhai kya bat h..kabil-e-tareef h

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