[ अनाथ बच्ची ] एक नन्ही सी जान.. by Vipin Dilwarya ( published by Amar Ujala kavya )
अनाथ बच्ची एक नन्ही सी जान..
मैं मासूम थी , नादान थी ,
हर बात से अंजान थी ।
मेरा कुसूर क्या था
जो तूने मुझे छोड़ दिया ,
मैं तो नन्ही सी जान थी ।।
बोझ समझा तुमने मुझे
क्या मैं इतनी बुरी थी ,
लड़की हूं मैं तो इसमें
मेरी क्या गलती थी ।
मेरा जीवन तो तेरी देन है
फिर क्यूं हम में इतनी दूरी थी ,
जब तूने मुझे छोड़ दिया
तो मैं अन्दर से टूट गई थी ।
मां.. तुझे मुझ पर
तन भी तरस ना आया ,
कि मुझ पर क्या बीतेगी
मैं तेरे बिना कैसे रह पाऊंगी ।
मां.. तू तो मुझे समझती ,
मैं अगर लड़की हूं
तो तू भी किसी की लड़की थी ।
लड़की होना अगर गुनाह है पाप है
तो वो पाप कभी तूने भी किया था ।
अपने से दूर ही करना था
तो मुझे पैदा क्यों किया था ।
जिस पल मैं पैदा हुई
ना जाने वो काला दिन था
या कली रात थी ।
कैसी किस्मत मैंने पाई
मां बाप के होते हुए भी मै अनाथ थी ।
मैं मासूम थी , नादान थी ,
हर बात से अंजान थी ।
मेरा कुसूर क्या था
जो तूने मुझे छोड़ दिया
मैं तो नन्ही सी जान थी ।।
Very beautiful line bro.
ReplyDeleteThanks bro🙏🙏
DeleteOsm😞😞😞😞
ReplyDeleteVery beautiful line bro.
ReplyDeleteGood comant and, good wark
ReplyDeleteThank you so much
Deletegreat collection of linea
ReplyDeleteThanks a lot brother
DeleteSuperb kahan kahan selate ho yeideas
ReplyDeleteSuperb kahan kahan selate ho yeideas
ReplyDeleteThanks ... Bs aise hi Jo Dil m AATA h likh dete h
DeleteTrolley
ReplyDeleteThanks .. 🙏🙏
DeleteNC yr
ReplyDeleteThank u so much
DeleteGazzb bhai
ReplyDeleteThanks brother
DeleteWah bhai kya bat h..kabil-e-tareef h
ReplyDeleteThank u so much Bhai
DeleteAwesome poetry
ReplyDeleteNice👏👏👏
ReplyDeleteSuperb my bro
ReplyDeleteVery nice lines
ReplyDeleteBahut ache my bro..... DS
ReplyDeleteGood
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