"" [ हूं मैं ऐसा ] "" by Vipin kumar

  "" [  हूं मैं ऐसा  ] ""




शेर हूं  , जंगल ! वन में रहता हूं

है शौक मुझे ! जीने का, बेडिया ना मैं सहता हूं।

हूं धार्मिक ऐसा ! युद्ध से , ना मैं कतराता हूं ।

हूं मर्द ऐसा ! जोखिम से ,ना मैं घबराता हूं ।

हूं बहादुर ऐसा ! एक भी सांस ,  ना मैं व्यर्थ गंवाता हूं ।

हूं पुरुषार्थी ऐसा ! कर्तव्य निभाने में अडिग , ना मैं स्वयं को 

दुखी होने देता हूं ।

हूं बलिदानी ऐसा ! बलि चढ़ने में , ना मैं मलाल आने देता हूं ।

हूं दानवीर ऐसा ! दान से पहले , ना मैं मन में खोट फटकने 

देता हूं ।

हूं ऊर्जावान ऐसा ! उत्साह कायम रखने को , समय के साथ 

बढ़ता हूं ।

हूं योगी ऐसा ! मंजिल से पहले , ना मैं मानसिकता व्याधियों 

में फंसता हूं ।


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By _ Vipin Kumar


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