सावन की बरसात by Vipin Dilwarya ( published by newspaper )

सावन की बरसात


आया बरसात का मौसम झूमले
बादल आए झूम झूमके और 
बादलों को चूमले ।

ऋतु बदली गया ज्येष्ठ आषाढ़ साल का
था इंतेज़ार माह बदले और 
आए सावन झूमके ।

    आया बरसात का मौसम झूमले.........

मिट्टी की वो सौंधी खुशबू याद आई
जब सावन की बरसात आई ,
खिल उठते है चेहरे जब 
खेतो में हरियाली आए घूमके ,

    आया बरसात का मौसम झूमले.........


सावन की फुहारें बचपन की याद दिलाएं 
काश बागों के वो झूले फिर से झूल जाए ,
बीत गई सावन की वो खुशियां
वो खुशियां फिर से लौट आए ।

झमाझम बरसे बारिश के संगीत में ,
तन नाच उठा  
और सावन के गीत गाए झूमके ,

आया बरसात का मौसम झूमले
बादल आए झूम झूमके और
बादलों को चूमले ।


काली घटा छाए सावन में ,
पवन चली पुरवाई 
चुपके से कह जाए कानन में ,
आने वाली है बरखा 
तू नाचले अपने आंगन में । 

आया बरसात का मौसम झूमले
बादल आए झूम झूमके और
बादलों को चूमले ।



__ विपिन दिलवारिया 



Comments

  1. Good for Health and good for Maiden

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

पेड़ों का दर्द ( Pain of trees ) by _ Vipin Dilwarya ( Published by newspaper )

" खूबसूरती निहारती आइने में " ( एसिड अटैक ) by Vipin Dilwarya ( published by Amar Ujala kavya )

" हे ईश्वर " क्या फर्क है तेरी मिट्टी और मेरी मिट्टी में ? By Vipin dilwarya ( published by Amar Ujala kavya )