दादी मां by Vipin Dilwarya ( published by newspaper )
दादी मां
बहुत याद आती है मुझे तेरी, दादी मां
जाने कहा खो गई मेरी प्यारी दादी मां .....
वो आंगन में बैठी,
मेरे बालो को बड़े प्यार से सहलाना
मुझे याद आज भी हैं ।।
जाने कहा खो गई मेरी प्यारी दादी मां .....
वो आंगन में बैठी,
मेरे बालो को बड़े प्यार से सहलाना
मुझे याद आज भी हैं ।।
जब वो बड़ों के साथ बड़ी और
छोटो के साथ छोटी बन जाया करती थी ,
मैं खेलता था जब अपने आंगन में ,
दादी का वो बच्चा बन जाना
मुझे याद आज भी है ।।
बहुत याद आती है मुझे तेरी, दादी मां
जाने कहां खो गई मेरी प्यारी दादी मां....
वो डाटती थी मुझे , मुझे बुरा लगता था
पर दादी मां का वो डाटना
मुझे याद आज भी हैं ।।
कमी कुछ भी नहीं है आज मेरे पास
ये भी दादी की दुआ का असर हैं ,
मगर दादी मां आज मेरे पास नहीं
लगता है मानो पूरे जहान
की कमी आज भी हैं ।।
आज हूं मै बहुत धनी,
रुपयों पैसों की कोई कमी नहीं,
पर दादी मां की जेब में वो खनकते
सिक्कों की कमी आज भी हैं ।।
बहुत याद आती हैं मुझे तेरी, दादी मां
जाने कहां खो गई मेरी प्यारी दादी मां....
जमाना बदल गया है आज ,
सभी ऐशों आराम यहां ,
मखमल के गद्दो पर सोते है आज,
मगर दादी की गोद जैसा सुखचैन कहां ।
दौर आ गया ए. सी. , कूलर , पंखों का
मगर दादी के वो बीजने की हवा
मुझे याद आज भी हैं ।।
सुना मैंने बड़े - बड़े कवियों को
और कहानीकारो को ,
मगर दादी की वो कहानियां
मुझे याद आज भी हैं ।
बहुत याद आती है मुझे तेरी, दादी मां
जाने कहां खो गई मेरी प्यारी दादी मां.....
bhai ankhe bhar ayi llve u daadi maaa
ReplyDelete🙏🙏🙏
DeleteDadi ka pyar hi aisa h
Bhai
Thank u bhai
ReplyDeleteSucchi.... I miss my dadi
ReplyDelete🙏🙏
DeleteSucchi.... I miss my dadi
ReplyDeletePiyari dadi maa
ReplyDeleteDadi pyari hi hoti h Bhai
DeleteBhut khoob❤❤❤❤
ReplyDeleteThank u so much khusi ji
DeleteVery good
ReplyDelete🙏🙏
DeleteVery nice poem
ReplyDeleteHii
ReplyDeleteHlo sir ji
DeleteBhai k jwab nhi👌
ReplyDeleteThank u bhai
DeleteSuperb 👌
ReplyDeleteThanks bro
DeleteGood Comment sar jii
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