इस दिल को कोन समझाए जो आज भी तेरी और खींचा चला आता है by Vipin Dilwarya
इस दिल को कोन समझाए
जो आज भी तेरी और
खींचा चला आता है
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छोड़ देंगे वो शहर
वो गलियां जिनसे तेरा नाता है ,
कदमों को तो मैं अपने रोक लेता हूं ,
पर इस दिल को कोन समझाए
जो आज भी तेरी और
खींचा चला आता है ।
बरसो बीत गए
तेरी गलियों को देंखे ,
पर ये दिल आज भी तेरी
गलियों के चक्कर लगाता है ,
और हा ऐसा नहीं है....
कि इतने वर्षों में
मुझे कोई चाहने वाला नहीं मिला ,
लाखो मिले है मुझे चाहने वाले
इस दिल को प्यार करने वाले ,
मगर इस दिल को आज
भी तेरा दिल ही भाता है ।
इस दिल को कोन समझाए ,
जो आज भी तेरी और
खींचा चला आता है ।
यूं तो ज़िन्दगी चल
रही है हमारी कोई कमी नहीं है ,
दौलत भी मिली
और प्यार भी मिला ,
शौहरत भी मिली
और दिलदार भी मिला ,
लाख कोशिश की मैंने
कि उसे भुला दूं ,
मगर ये दिल आज
भी वहीं थमा बैठा है ,
इस दिल को कोन समझाए ,
जो आज भी तेरी और
खींचा चला आता है ।
दूर होकर भी वो पास है
आज भी वो खास है
यूं ही नहीं वो याद आता है ,
बदमस्त था उसकी
मोहब्बत में इस कदर
ये दिल से दिल का नाता है ,
यूं ही नहीं ये दिल आज
भी उसी के गुण गाता है ,
इस दिल को कोन समझाए ,
जो आज भी तेरी और
खींचा चला आता है ।
समंदर नदियों के
बिना अधूरा होता है ,
ना ये दिन सूरज के
बिना पूरा होता है ,
अंधियारों को भी
वो रोशन कर देता है
यूं ही नहीं चांद सबको भाता है
और दस्तक देता है आज
भी वो ख्वाबों में कुछ इस तरह ,
उसके साथ बिताए हर
एक पल की याद दिला जाता है ,
और बहुत दिनों बाद आज
उसका पैग़ाम आया है ,
कि वो बहुत खुश है अपनी दुनिया में
उसकी इस ख़ुशी को देख
मेरा दिल आज भी खुश हो जाता है
ये महज़ एक मोहब्बत
नहीं ये रूह से रूह का नाता है ,
इसलिए ये दिल आज भी
तेरी और खींचा चला आता है ।
By _ Vipin Dilwarya
Superb my bro... DS
ReplyDeleteThanks brother 😊
DeleteExcellent
DeleteThank you so much
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