"" ऐसा परिवर्तन किस काम का "" by Vipin Dilwarya ( published by Amar Ujala kavya )
"" ऐसा परिवर्तन किस काम का ""
परिवर्तन संसार का नियम है
हे ! भगवान इतना बता
ऐसा परिवर्तन किस काम का ।।
अधर्म का सर उठने लगा
धर्म का नाम हो गया वीरान सा ,
जाति - धर्म पर झगड रहा
ऊंच - नीच को मिटा ना सका ,
हे ! भगवान इतना बता
ऐसा परिवर्तन किस काम का ।।
बेटा बाप का ना रहा
भाई-भाई का रिश्ता नाम का ,
पाल - पोशकर बड़ा किया
जिस औलाद को
मां - बाप का सहारा बन ना सका ,
हे ! भगवान इतना बता
ऐसा परिवर्तन किस काम का ।।
अत्याचार इतना बढ़ गया
बहन बेटी का लिहाज ना रहा ,
मासूम बच्चियों को भी नोंच रहा
इंसान में घुस गया हैवान सा ,
हे ! भगवान इतना बता
ऐसा परिवर्तन किस काम का ।।
माना कि ये कलियुग है
क्या इस कलियुग में
कोई कर्म नहीं इंसान का ,
ये दुनियां वो दुनियां ना रही
जिसमे जन्म हुआ
श्री राम और बुद्घ भगवान का ,
परिवर्तन संसार का नियम है
हे ! भगवान इतना बता
ऐसा परिवर्तन किस काम का ।।
By _ Vipin Dilwarya
So nice👍👍👍
ReplyDeleteThanks brother
Delete👍👍👍
ReplyDeleteThanks bro
Deleteभाई का जवाब नहीं 👌
ReplyDeleteThanks🙏🙏
DeleteThanks brother
ReplyDeleteVery good bro.
ReplyDeleteThanks brother
DeleteBhot badya bhai
ReplyDeleteThanks Bhai ji
DeleteVery nice
ReplyDeleteVery nice👌👌
ReplyDeleteBahut khoob bhai
ReplyDeleteBest poetry
ReplyDeleteAapki poetry el jagrukta hai manav samaj me liye aasa ha I bahut log jagruk hoge aapki poetry se
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