" ऐसे होते हमारे मां - बाप है " हिंदी कविता by Vipin Dilwarya ( published by Amar Ujala kavya )

" ऐसे होते हमारे मां - बाप है "


जितने भी जीव इस धरती पर
सबके जीवन का आधार मां - बाप है ,
स्वार्थी है सब इस धरती पर
निस्वार्थ साथ देते बस मां - बाप है ,

ऐसे  होते  हमारे  मां - बाप  है...

वो प्यार ना रहा रिश्ते नातेदारों में
प्यार है बस नाम का
रह गया बस मतलब का साथ है ,
बिकता है आज प्यार बाजारों में
नहीं बिकता प्यार जिसका वो मां - बाप है

ऐसे  होते  हमारे  मां - बाप  है...

रात - दिन महनत करते है
पूंजी एकत्र की पाई - पाई जोड़कर
बच्चो के सपनों को पूरा करते है
अपने  ख्वाबों  को  तोड़कर ,

इच्छाओं को अपनी मार देते है
भूख को भी अपनी छुपा लेते है
खुद भूखा रहकर
हमारी  भूख  को  मिटाते  है ,

ऐसे  होते  हमारे  मां - बाप  है...

कितनी भी कठिनाईयां आए
बच्चो का भविष्य बनाते है
भले खुद के जीवन में हो अंधियारा
बच्चो के जीवन में दीप जलाते है ,

अच्छे बुरे वक्त में जो साथ होते है
वो  सिर्फ  हमारे  मां - बाप है

ऐसे  होते  हमारे  मां - बाप  है...

काबिल हूं आज कामयाब हूं मैं
दो रोटी खाता हूं इज्ज़त की
ये इज्ज़त , सम्मान और शौहरत
बदौलत हैै मेरे मां - बाप की ,

पूजना है गर किसी को जीवन में
पूजा पाठ करो मां - बाप की
मानता हूं ईश्वर ,अल्लाह भगवान है
पर उस रब से पहले मेरे मां - बाप है

ऐसे  होते  हमारे  मां - बाप  है...



By _ Vipin Dilwarya

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