" Part - 1" Love shayari " by Vipin Dilwarya
Part - 1" Love shayari "
(1)
देखकर उनको मेरी सांसे थम जाती है
बात लबो पर आते - आते रुक जाती है
इज़हर - ए - मोहब्बत कैसे करू
कहीं ठुकरा ना दे मेरा प्यार
यही सोचकर मेरी जान निकल जाती है
(2)
वो ना मिले तो ना मिले
उसका अहसास ही काफी है ,
उसको पाना मेरी ज़िद नहीं
मुझे जीने के लिए उसकी याद ही काफी है
(3)
यूं तो तन्हाई बेतहाशा डसती है
फिर भी ये तन्हाई मुझको भाती है
क्योंकि तन्हाई में
उसकी याद लौटकर आती है
(4)
वादा करके इंतज़ार ना हुआ
जब दिल ने चाहा उसका दीदार ना हुआ
बताना चाहता था अरमान कई दिल के
पर उससे मिलकर इजहार ना हुआ
(5)
सहेजकर रखा है तेरी यादों को
दिल की अलमारी में आज भी
उड़ ना जाएं कहीं वो खुशबू
इसलिए खोली नहीं है
चादर की सलवटें आज भी
(6)
हाथो में महंदी लगाकर
सुहाग का जोड़ा पहनकर
वो आज तेरी बाहों में है
पर खुश ना हो मेरे दोस्त
वो तेरी बाहों में तो है मगर
आज भी हम उसकी यादों में है
(7)
जानकार अंजान है हम
ये बताना ना पड़े
नासमझ नहीं है
ये समझाना ना पड़े
और कुछ भी ऐसा मत कर जाना
कि तुझको सताना पड़े
दिल के जज़्बात जुड़े है तुझसे
अब ये भी दिखाना ना पड़े
(8)
मेरी मोहब्बत को बदनाम करने में तुले है
लोग तो सुनलो मैं कानो का कच्चा नहीं हूं
उम्र कम है मगर मैं भी बच्चा नहीं हूं
मैं जनता हूं कि वो बेवफा है
मगर मैं भी आशिक़ सच्चा नहीं हूं
और जो बेबाक तारीफ़ करते है मेरी
उन्हें बता दूं मैं सबके लिए अच्छा नहीं हूं
By _ Vipin Dilwarya
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