मैं खुली आंखो का पूरा ख्वाब हूँ by Vipin Dilwarya
मैं खुली आंखो का पूरा ख्वाब हूँ
वो काजु कतली की मिठाई
तो मैं देसी गुड की बनी राब हूँ
वो है तितलियों की रानी
तो मैं फूलों का राजा गुलाब हूँ
उससे कहो यूं हरकत-ए-निगाह ना करें मुझे
मैं सीधा हूँ मगर इस मामले में बड़ा खराब हूँ
माना की उसकी चाल मे अदा, उसकी
बात मे मजा और उसकी आंख मे नशा है
कोई उसको बताओ मैं भी नशे में देशी शराब हूँ
और सुना है वो
हुस्न-ओ-शबाब का एक अनसुलझा सवाल है
तो सुनलो मैं हर अनसुलझे सवाल का जवाब हूँ
चापलूसीयत के पैरोकार है
वो इसलिये कामयाब है
मैं अपनी महनत से आब-ओ-ताब हूँ
वो धरती मैं आसमान हूँ
वो दिया मैं जलता चिराग हूँ
वो आसमां का चमकता सितारा
मैं पूरी कायनात में चमकता आफ़तब हूँ
वो आसमां का चमकता सितारा
मैं पूरी कायनात में चमकता आफ़तब हूँ
वो गहरी नींद का अधूरा सपना
तो मैं खुली आंखो का पूरा ख्वाब हूँ
By _ Vipin Dilwarya
nice line
ReplyDeleteNice picture
ReplyDeleteThanks
Delete