ज़िन्दगी अब मौत लगने लगी है (Shayari ) by Vipin Dilwarya


ज़िन्दगी अब मौत लगने लगी है



तेरे शहर की गलियों में भी
ज़िन्दगी बौर लगने लगी है


खामोशियां भी गैर हो गई
ये भी  शौर  करने  लगी है


बड़ी बेरुखी है इन हवाओं में
खफ़ा खफ़ा सी लगने लगी है


तेरे बगैर बड़ा बेज़ार सा हो गया हुँ
ये ज़िन्दगी अब मौत लगने लगी है


By _ Vipin Dilwarya 


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