Part - 5 - Thoughtfull Shayari by Vipin Dilwarya

           Thoughtfull Shayari


(1)

होंगे तुम दौलत से अमीर
हम विचारों से अमीर होते हैं

तुम चादर ओढ़कर सोते हो
हम आसमान ओढ़कर सोते हैं

(2)

जो अमीर गरीब का शोषण करते है
वही  गरीब   उन्हें   अमीर  बनातें है

जिसको   तुम   ग़रीब   कहते   हो
वो ग़रीब तुम्हारे कारोबार चलाते है

जिस  अन्न  से  तुम भूख मिटाते हो
वही ग़रीब  उस  अन्न  को  उगाते हैं

(3)

मैं वो तारा हुँ ख़ुद टूटकर भी
दूसरों की ख्वाहिशें पूरी कर जाता हुँ

(4)

ज़िन्दगी में कुछ करने के
लिये भी कुछ करना पड़ता है...

कुछ करोगे तो कुछ कर पाओगे
मन में ठांनोगे तो कुछ बन पाओगे...

केवल सोच का विस्तार करने
से कुछ नहीं होता, जो सोचा है
उसका परिपालन करना पड़ता है...

(5)

हम मज़दूर है मजबूर नहीं
हम ग़रीब है कमजोर नहीं

(6)

एक उम्र थी जब थोड़ी सी खुशी,
थोड़े से ग़म थे इस ज़िन्दगी
में, मगर शान से बस चिल करता रहा..!!

एक उम्र आज है ,  नाम , रुतबा,
पैसा , शौहरत  सब  कुछ
होते हुए भी बस सुकून तलाशता रहा..!!

(7)

बोलना हमनें सिखाया जिसे
आज वो हमें मशवरा दे रहें है
ज़िन्दगी भर आँसू दिये जिसने
खुदखुशी पर वो मेरी आँसू बहा रहें है

(8)

ये सूनापन ये वीरानियाँ मेरे पीछे दौडती है
मगर तेरी यादें  मुझे तन्हा  कहाँ छोड़ती है
जब जब  टूटकर बिखरता हुँ  मैं आज भी
तब  तब   आकर    तु   मुझे   जोडती   है

(9)

महँगा लिबाश नहीं, फटे लिबाश
से  उसकी  फ़कीरी  झाँकती  है
उसकी  बेबसी , उसकी  लाचारी
टूटी खिड़की से उसकी गरीबी झाँकती है

(10)

मेरी ख्वाहिशें बस
इतनी सी है इस ज़िन्दगी में...
कुछ मिले ना मिले
ज़िन्दगी में सुकून जरुर मिले...



By _ Vipin Dilwarya

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