तेरे चेहरे में नूर है by Vipin Dilwarya


 तेरे चेहरें में नूर है


संगमरमर   सा    तेरा  बदन
माना   तेरे   चेहरें   में  नूर  है

नूर ए हुस्न   ना    हो    मगर 
ज़माने में  हम  भी  मशहूर है

ज़ुर्म बस  इतना  सा कर  बैठे
तेरे हुस्न  के   दीवाने  हो  बैठे

एक   तेरे    प्यार    के   लिये
ख़ुद को ख़ुद से ज़ुदा कर बैठे

गुरुर ए हुस्न  है तुझे  तो करो
ये  तो   दुनिया  का  दस्तूर है

तु    लाख     तोहमतें    लगा 
तेरा   हर   इल्ज़ाम  मंजूर  है

ख़ता    तो    की    है   हमनें 
इतना      भी        जरुर    है

गुस्ताखी   नजरों   ने   की  है
मगर   दिल   मेरा   बेकुसुर है



__विपिन दिलवरिया 

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