"" जबसे देखा तुझे "" by Vipin Dilwarya ( published by Amar Ujala kavya )
"" जबसे देखा तुझे ""
नींद मेरी उड़ी जबसे देखा तुझे
दिन को सुकून , ना रातो को चैन हैं
लगता है मैं दीवाना हो गया हूं ,
दिल ये मेरा बहुत बेचैन है
जिसे देखता हूं तेरा चेहरा नज़र आता है
खोया रहता हूं तेरे ही ख्यालों में ,
तुझे पाने को जी चाहता है
तेरी एक नजर ने ऐसा हाल कर दिया
रात - दिन ना मुझे करार है
मेरे इस दिल का बुरा हाल कर दिया ,
तुझसे मिलने को मन करता है
तेरी याद मुझे सताती है ,
हर पल तुझे याद करू
तेरी याद मुझे तड़पाती है
नींद मेरी उड़ी जबसे देखा तुझे
दिन को सुकून , ना रातो को चैन हैं
लगता है मैं दीवाना हो गया हूं ,
दिल ये मेरा बहुत बेचैन है
मतलबी सा हो गया हूं
तेरी यादों में खोया रहता हूं ,
जबसे देखा है तुझे
मैं पागल सा हो गया हूं
पल - पल यही सोचता हूं
मैं तेरा हो जाऊं तु मेरी हो जाए
काश ज़िन्दगी की राहों में हम
साथ - साथ चलते जाए
नींद मेरी उड़ी जबसे देखा तुझे
दिन को सुकून , ना रातो को चैन हैं
लगता है मैं दीवाना हो गया हूं
दिल ये मेरा बहुत बेचैन है
Nice
ReplyDelete
ReplyDeleteNice
Thanks brother
DeleteKya bat h bhae
ReplyDeleteThank you
DeleteBindas bhai
ReplyDeleteThanks bro
Delete👍👍👍
ReplyDelete😊😊
DeleteVery nice bhai.... DS
ReplyDeleteVery nice bro
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteV .Good Brothers
ReplyDelete