आंख उठाकर भी मत देखना मेरे हिन्दुस्तान की और by Vipin Dilwarya
आंख उठाकर भी मत देखना
मेरे हिन्दुस्तान की और
नादान है कुछ परिंदे
जो है मेरे पिंजरों से अंजान
जहां से आएगा बच नहीं पाएगा
चाहे धरती हो या आसमान
आंख उठाकर भी मत देखना
मेरे हिन्दुस्तान की और
जान हथेली पर रखते है
मेरे भारत के वीर जवान
हद में रहकर अपनी औकात से बाहर ना हो
यहां हर हिन्दुस्तानी तैयार है देश
के लिए करने को अपनी जान कुर्बान
कतरा - कतरा ख़ून बहाकर
सींचा है इस देश की मिट्टी को
यूं ही नहीं दुनियां में इस तिरंगे की शान
कोई एक धर्म नहीं सब धर्म है
मेरे देश के लिए मरने मिटने को तैयार
इसलिए पूरी दुनियां में है मेरा देश महान
By _ Vipin Dilwarya
Thanks bro
ReplyDeleteThank you so much 🙏 🙏
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