Part - 2 * Dilwarya's Quotes * by Vipin Dilwarya
Part - 2 * Dilwarya's Quotes *
(1)
यूं ही दिन गुजरते रहेंगे
ये किसी की जागीर नहीं जो रुक जाए
ये साल है हर साल बदलते रहेंगे ,
बस आज अपना कल पराया है
फितरत है ये इंसान की इनके चेहरे
हर पल हर साल बदलते रहेंगे
(2)
दस्तूर - ए - दुनिया है दोस्त
तनहाई में तन्हा साथ देते है
वक्त गुजरता है तो वक्त भी बदल जाते है ,
टूट चुका हूं मैं संभल जाऊंगा
वक्त ऐसा मरहम है
मुझसे ज्यदा टूटे हुए लोग भी संभल जाते है
(3)
उलझ गया रिश्तों का धागा
ये धागा पतंग की डोर लगने लगी है
जीवन में रिश्तों के बिना
ये ज़िन्दगी अब बोर लगने लगी है
छूट गए सब रिश्ते नाते
बस ख़ामोश रहता हूं
अब ये खामोशियां भी शोर लगने लगी है
(4)
जो लोग चोरी करते है
वहीं लोग डरते है
जो लोग कुछ नहीं करते
वो लोग विरोध करते है
(5)
पढ़के देख मेरी डायरी
मेरे लेख मेरी शायरी
(6)
कैसे रुके चोरी
जब चोर बने पहरेदार ,
हम करें तो मुजरिम
तुम करो तो थानेदार
(7)
जो ख्वाहिश है दिल की वो
ख्वाहिश भी कभी पूरी हो ही जाएगी
राहों पर निकल पड़ा हूं
तो मंजिल भी कभी मिल ही जाएगी
(8)
ये दुनियां की भीड़ है
एक मेला है एक बाज़ार है
भीड़ से निकलकर
जो सामने आया वहीं सरदार है
(9)
किसी ने पूछा
सबसे गहरा ज़ख्म कौन देता है ?
मैंने कहा
दिल से लगाव
(10)
कड़वा सत्य
जो सबसे ज्यादा प्यार करता है
वहीं
सबसे ज्यादा दुःख भी देता है
By _ Vipin Dilwarya
Comments
Post a Comment