इश्क़ के चक्कर ने हाल बड़े बेहाल कर दिये __विपिन दिलवरिया
इश्क़ के चक्कर ने हाल बड़े बेहाल कर दिये
जिसके लिये हमनें ख़याल बड़े कर दिये
दो लफ्ज़ कहे उसनें बवाल खड़े कर दिये
ज़मानें के फिक्र छोड़ संभाला था उनको
सरे बाज़ार उसने हम कंगाल खड़े कर दिये
सिवा दर्द के कुछ ना मिला इस मोहब्बत में
इश्क़ के चक्कर ने हाल बड़े बेहाल कर दिये
__विपिन दिलवरिया ( मेरठ )
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