मोहब्बत हो गई तो हो गई ( गज़ल ) __गाज़ी आचार्य ' गाज़ी '
मोहब्बत हो गई तो हो गई
कैसे ये दिल मेरा
क्यूं ये बदल गया
तुझसे ये मिलकर
क्यूं ये मचल गया
कैसे समझाऊं अब
दिल समझ ना पाये
तेरे सिवा इस दिल को
अब कोई ना भाये
चैन मेरा खो गया
नींद मेरी खो गई
क्या करू अब तुम्ही बताओ
मोहब्बत हो गई तो हो गई
तेरे जाने के बाद याद आया
एहसास प्यार का बाद आया
तड़प रहा है तेरी खातिर
लेकर दिल ये फरियाद आया
हुआ महसूस बिछड़कर
गलत ये बड़ी बात हो गई
चैन मेरा खो गया
नींद मेरी खो गई
क्या करू अब तुम्ही बताओ
मोहब्बत हो गई तो हो गई
बेसब्र हुँ मैं बेताब हुँ तेरे इंतज़ार में
रोज आती हो तुम मेरे ख्वाब में
' गाज़ी ' सब कुछ भूल गया
कटते है रात दिन अब तेरी याद में
ये कैसी जंग है यारा
जीतकर भी मेरी ही मात हो गई
चैन मेरा खो गया
नींद मेरी खो गई
क्या करू अब तुम्ही बताओ
मोहब्बत हो गई तो हो गई
मोहब्बत की पहली बारिश हो रही है
दिल की ये मेरी गुजारिश हो रही है
जितनी गुजरे तेरे साथ गुजरे
दिल की यही बस ख्वाहिश हो रही है
ज़ुदा अब मैं तुझसे कैसे रहूँ
मेरी ख्वाहिश तेरी मोहब्बत हो गई
चैन मेरा खो गया
नींद मेरी खो गई
क्या करू अब तुम्ही बताओ
मोहब्बत हो गई तो हो गई
__गाज़ी आचार्य ' गाज़ी '
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