सबके साथ छूट गये ( hindi kavita ) __विपिन दिलवरिया
सबके साथ छूट गये
दिल के सारे भ्रम टूट गये
जब अपने सारे रूठ गये
मौज़-ए-ज़िन्दगी साथ खड़े
दुख में सबके साथ छूट गये
कड़ी धूप में छांव दी जिसने
काट दिया जब पत्ते उसके सूख गये
जिसके लिये सब कुछ भुलाया था
आज वो भी हमें भूल गये
__विपिन दिलवरिया
Good
ReplyDeleteVery nice
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