सोशल मीडिया वरदान है या अभिशाप ( निबंध ) ( लेख ) __विपिन दिलवरिया
सोशल मीडिया वरदान है या अभिशाप
सोशल मीडिया की सकारात्मकता :-
* सोशल मीडिया किसी भी प्रकार की घटनाएं, समाचार एवं जानकारी प्राप्त करने में मदद करता है और इसके द्वारा बहुत कम समय में जानकारी को लोगों तक पहुंचाया जा सकता है।
* सोशल मीडिया लोगों को जोडनें का कार्य करता है यह समाज के सामाजिक विकास में अपना योगदान देता है, इसके माध्यम से किसी भी मुद्दे पर लोगों के मध्य आसानी से वार्ता की जा सकती है।
* समाज में होने वाली क्रुतियों के प्रति जागरुकता फैलानें के लिये यह एक अच्छा साधन है।
* यह शिक्षा प्राप्त करने में मददगार है सोशल मीडिया पर कई शिक्षण संस्थान ऑनलाइन शिक्षा प्रदान करते है जिसके माध्यम से आसानी से शिक्षा प्राप्त की जा सकती है।
* सोशल मीडिया शैक्षिक , सामाजिक , राजनैतिक इत्यादी अभियान चलाने में एक अहम भूमिका निभाता है।
* सोशल मीडिया पर कई प्लेटफॉर्म ( यू ट्यूब, फेसबुक , ट्विटर आदी ) पर अपनी कला को और अपने अन्दर की प्रतिभा को प्रदर्शित करने का अपनी प्रतिभा को लोगों के सामनें लाने का एक अच्छा साधन है।
* सोशल मीडिया रोजगार के अवसर भी प्रदान करता है।
* लोकप्रियता बढानें के लिये सोशल मीडिया बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
सोशल मीडिया की नकारत्मकता :-
* सोशल मीडिया पर मिलने वाली सभी जानकारियां सही नहीं होती है यहाँ प्राप्त होने वाली बहुत सी जानकारियां भ्रामक होती है।
* सोशल मीडिया पर किसी भी तथ्य को तोड़ मरोड़कर पेश किया जा सकता है जो किसी भी वास्तविकता से सम्बंध नहीं रखता ।
* किसी भी फोटो या विडियो को एडिटींग करके गलत तरीके से पेश किया जा सकता है जिसके द्वारा समाज मे भ्रम फैलाया जा सकता है और इससे समाज में हिंसा या दंगे जैसे माहौल बनाये जा सकते है।
* सोशल मीडिया के इस दौर में सयबर अपराध दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है।
* सोशल मीडिया अफ़वाहों आड्डा बन चुका है।
* प्राईवेसी पूर्णता: भंग हो जाती है ।
* सोशल मीडिया बच्चो की खराब मानसिकता का कारक भी है और बच्चो के भविष्य को भी प्रभावित करता है।
निष्कर्ष :-
सोशल मीडिया के सकारात्मक और नकरात्मक पहलुओ को नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता, उपयोगकर्ताओं को सोशल नेटवर्किंग के उपयोग पर अपने विवेकाधिकार का उपयोग करना चाहिए, अगर सोशल मीडिया का उपयोग बुद्धिमानी से किया जाये तो यह हमारे जीवन के लिये बहुत कारगर साबित होता है। किसी भी व्यक्ति को खेल, अध्ययन और सोशल मीडिया जैसे सभी कर्यो में संतुलन बनाये रखना चाहिए ।
इसलिये सोशल मीडिया एक व्यक्ति के जीवन मे वरदान होना या अभिशाप होना उसके स्वयं पर निर्भर करता है।
__विपिन दिलवरिया ( मेरठ )
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