इश्क़ फ़रमानें का हुनर भी आता है ( Shayari ) __विपिन दिलवरिया
इश्क़ फ़रमानें का हुनर भी आता है
इश्क़ है तो इश्क़
फ़रमानें का हुनर भी आता है
ना हो मंजूर अगर
हमें छुपाने का हुनर भी आता है
मुकम्मल है मेरी मोहब्बत
सिर्फ मुझसे, हमें दूर रहकर
निभानें का हुनर भी आता है
गुजरनें से डरती है
जिस भँवर से कश्तियाँ, उन्हें
पार लगाने का हुनर भी आता है
वो तैराक बड़े कमाल के है मगर
हमें कमाल डुबानें का हुनर भी आता है
__विपिन दिलवरिया
V.good
ReplyDeleteThanks bhai
Deletegood work bhai 😘😘😘
ReplyDeleteThank bhai ji
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