Part - 5 - Love shayari __ Vipin Dilwarya
Part - 5 - Love shayari
(1)
जाते हुए को टोकना कैसा
आते हुए को रोकना कैसा
और ज़माने का डर नहीं हमको
बस तुम्हारे इकरार का इंतज़ार था
अब तुम आ गये हो तो सोचना कैसा
(2)
ज़िन्दगी को
ज़िन्दगी से मिला दिया
मेरे टूटे दिल के हर
टुकडें को दिल से लगा लिया
खो गया था दूनियाँ की भीड़ में
कहीं उसनें मुझे मुझसे मिला दिया
(3)
मेरे अश्क मोहब्बत की निशानी है
ना मानो तो बहता पानी है
फ़कत ये अल्फाज़ नहीं
ये गज़ल मेरी कहानी है
बस पा ना सका मैं उसको
मेरी मोहब्बत में आज भी रवानी है
(4)
लफ्ज़ो को मैनें स्याही में भीगो दिया
जज्बतों को पन्नो की गहराई में डुबो दिया
ये मौसम बरसात का तो नहीं
ये मौसम भी आज बे मौसम रो दिया
कुछ तो हुआ है
बेवजह नहीं ये हलचल इन बादलों में
लगता है आज फिर किसी सच्चे
आशिक़ ने अपनी मोहब्बत को खो दिया
(5)
छुपा हुआ चेहरा
तेरा सामनें आ जाये
बारिश की बूँदें जैसे
तेरी पायल खनक जाये
मेरी धड़कन थम जाये
मेरी सांसे रुक जाये
छुपा हुआ चेहरा
तेरा सामनें आ जाये
(6)
पाना है फूल तो काँटों से लड़ना होगा,
आग का दरिया है और डूब के जाना है
मोहब्बत दिल की और दिलवालों की
जो लड़ जाये ज़मानें से वो दीवाना है
(7)
जो शोख हसिनाएं
अपना हुस्न छुपाकर चलती है
उन्हें बता दूँ
मेरी खिड़की से चाँद चमकता है
(8)
मैं हो भी जाऊं दर-ब-दर मुझको डर नहीं
तेरी खुशबू खुद-ब-खुद रास्ता बता देती है
(9)
मेरी नाराज़गी से नाराज़ हो जाते हो ना,,,,,!!
हम खुश हुए तो नाराज़गी को तरसोगे हमारी.!!
(10)
ए ख़ुदा कमाल तेरी ख़ुदाई
भूलना चाहा जिसे
उसी की याद पल पल आई
क्या खूब लिखी
दास्ताँ-ए-मोहब्बत दिलवरिया
जोडी वहाँ बनाई
जहाँ लिखी थी बस जुदाई
__विपिन दिलवरिया
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