मैनें ख़ुद को वतन के नाम किया ( Hindi kavita ) ___विपिन दिलवरिया
मैनें ख़ुद को वतन के नाम किया
मेरा देश मेरी आन बान शान है,
मैनें ख़ुद को वतन के नाम किया
जिस राह पे चला है दुश्मन
मैनें उस राह पे अपना मकान लिया
आजु - बाजु सोच समझकर निकलें
मैनें घोड़े को अपने बेलगाम किया
समझें तो ठीक , ना समझे तो सुनलों
अब शान्ती नहीं क्रांति होगी ठान लिया
बैठे है सर पे कफ़न बांध कर ,
जरुरत पड़ी हमनें सीना तान लिया
गर्व है उस माँ पर , जिस माँ ने अपना
लाल इस मिट्टी के लिये क़ुर्बान किया
बड़ी उदार है मेरे वतन की मिट्टी, दिल में
आया तो दुश्मन को भी जीवनदान किया
नमन है तेरी कलम को "दिलवरिया"
तूने सैनिको को ख़ुदा जैसा मुकाम दिया
___विपिन दिलवरिया
vety veryyyyyyy nice bro
ReplyDeleteThank u so much
DeleteNice bhai ji
ReplyDeleteThanks bhai
DeleteHappy independence day
ReplyDeleteHappy independence day
DeleteThanks brother
ReplyDeleteGjb bhai
ReplyDeleteNice
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