आम घर का लड़का " रैप सोंग " by Vipin Dilwarya

           आम घर का लड़का " रैप सोंग "



आम घर का लड़का था मैं
मिडिल क्लास फैमिली
सपने थे मेरे बड़े - बड़े
जिनको लेकर चल पड़े

सबने रोका मुझको
आस पास के लोगों ने
सब ने मारा ताना
तु कुछ ना कर पाएगा
जीवन तेरा यूं ही
बर्बाद हो जाएगा

उन्हें क्या मालूम था
मेरे अंदर के जुनून का
मैं रातों को ना सोया
ना दिन में मुझे सुकून था
सपने थे मेरे बड़े - बड़े
ना सपनों पे मेरे  बैन था

करता था मै मेहनत
ना ऐसा कोई दिन था
ना ऐसी कोई रात थी
करना था कुछ अलग
मेरे अंदर ऐसी आग थी

लोगो को दिखाना है
लोगो को बताना है
ताना मारने वालों को
अब ये समझाना है

यू ट्यूब से  लेकर  मैं
टिक  टोक तक  चला
धीरे - धीरे  अपना 
नाम  फैलने  लगा
लोगो  की  जुबान पे
दिलवरिया का नाम
अब  आने   लगा

लोगो  की  जुबान पे
अपना नाम  आने  लगा
ताना मारने वाला अब
हर कोई शर्माने लगा

अपना नाम फैलने लगा
लोगो की जुबान पर
अपना  नाम  आने लगा
अपना  नाम  आने लगा



By _ Dilwarya & Samrat


Comments

Popular posts from this blog

पेड़ों का दर्द ( Pain of trees ) by _ Vipin Dilwarya ( Published by newspaper )

" खूबसूरती निहारती आइने में " ( एसिड अटैक ) by Vipin Dilwarya ( published by Amar Ujala kavya )

" हे ईश्वर " क्या फर्क है तेरी मिट्टी और मेरी मिट्टी में ? By Vipin dilwarya ( published by Amar Ujala kavya )