तुम बिन अधुरे रहतें है... ( SONG ) by Vipin Dilwarya
तुम बिन अधुरे रहतें है...( SONG )
तुम बिन जीएँ
तो कैसे जीएँ हम...
तुम बिन अधुरे रहतें है...
वादा किया था
बिछडेंगे ना हम...
तुमसे बिछड़कर रहतें हैं...
जाँ से भी ज्यादा तुमको मैं चाहा
दिल में बसाया तुम्हे अपना बनाया....
खता क्या है मेरी तु इतना बता दें
अपना बनाकर मुझे क्यूं भुलाया....
तुमको बताएँ
तो कैसे बताएँ हम...
दर्द-ए-जुदाई कैसे सहतें हैं...
तुम बिन जीएँ
तो कैसे जीएँ हम...
तुम बिन अधुरे रहतें है...
दिल के वरक़ सारे मिट से गये
जज्बात दिलवरिया के सिमट से गये....
एक बार मुझे तु इतना बता दें
बदलकर मुझे तुम बदल क्यूं गये....
तुमको दिखाएँ
तो कैसे दिखाएँ हम...
ज़ख्म दिल के हरे रहतें है...
तुम बिन जीएँ
तो कैसे जीएँ हम...
तुम बिन अधुरे रहतें है...
तेरी मीठी बातें तेरी यादें घेरती है
ख्वाबों में आकर मुझे तड़पाती है....
एक बार मुझें तु इतना बता दें
तेरी यादें मुझें इतना क्यूं सताती है....
तुम्हे सताएँ
तो कैसे सताएँ हम...
खुद को सताएँ रहतें है...
तुम बिन जीएँ
तो कैसे जीएँ हम...
तुम बिन अधुरे रहतें है...
__विपिन दिलवरिया
Hii
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