Part - 3 " Love shayari " by Vipin Dilwarya

Part - 3 Love shayari


(1)

काई सी ज़म गई है तेरी यादों पर 
आज भी तेरी यादें हरी सी रहती है

(2)

तेरी डूबती कश्ती को साहिल पर ले आऊंगा
मैं वो रहनुमा हूँ तुझे  मंजिल तक ले जाऊंगा

(3)

फिज़ूल  है  सारी  दलीलें  
सारे  गवाह  मोहब्बत की अदालत में 

यहाँ इन्साफ मिलता है ना सुकून

ये झूँठें, फरेबी, धोखेबाजो की मण्डी है 
यहाँ  कोई  नही  जीता  सदाकत  में

(4)

हाल पुछा...
वो झूँठ बताते है...

खयाल पुछा...
वो चुप हो जाते है...

कुछ ना पुछा...
तो वो रूठ जाते है...

(5)

बड़ी मशहूर मेरी कहानियाँ....
मैं शायर बड़ा बद्तमीज़ अ....

बदनाम आशिक़"दिलवरिया"....
फिर भी जहाँ-ए-इश्क़ मुरीद अ....

(6)

निगाह का हक है उस चेहरें को
देख के आह निकलती है जिस चेहरें को

(7)

तु ही नज़र आती है जब पलकें झपकतें हैं
जब पलकें उठती है  बस आँसू  टपकतें हैं

(8)

हम ख़ुद में गुम हो गये हैं
जब से,वो आप से तुम हो गये हैं

(9)

आ जाओ मेरी प्रीत बनकर
आ जाओ मेरी उम्मीद बनकर
इश्क़ भी मुरीद है तेरे चेहरा का
लेकर अपना  चाँद  सा चेहरा
आ जाओ  मेरी  ईद बनकर



By _ Vipin Dilwarya 

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