हम तो बदतमीज ही ठीक है ( Shayari ) by Vipin Dilwarya
हम तो बदतमीज ही ठीक है
अगर नसीबों से मिला है वो
तो हम तो बदनसीब ही ठीक हैं
दौलत भी है शौहरत भी है
और महंगा है उसका लिबास
हमारे बदन पर कमीज़ ही ठीक है
तहज़ीब के शहर में तमीज
की गलियों में उसकी जवानी ढल गई
अरे जवानी का दौर है
हम तो बदतमीज ही ठीक है
By _ विपिन दिलवरिया
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