तेरे बिना तन्हा मैं हर लम्हा हो जाता हूँ ( गज़ल ) by Vipin Dilwarya

      

तेरे बिना तन्हा मैं हर लम्हा हो जाता हूँ



तेरी यादों में  इस  कदर  खोया रहता हूँ 
नीन्द में होता हूँ  फिर  भी जागा रहता हूँ 

तेरे साथ  ये ज़िन्दगी  पूरी सी  हो जाती है 
तुझसे दूर होता हूँ तो अधूरा सा हो जाता हूँ 

मेरी  आदत  है  तु   मेरी  इबादत  है तु
तुझे  इस  दिल  के  जज्बात  दिखाता हूँ  

तेरे इश्क़ की ख़ुमारी इस कदर है मुझपे
तेरे प्यार को  मैं  कभी भूल नहीं पाता हूँ 

दिन  महिने  साल   की  बात  करते  हो 
तेरे बिना तन्हा मैं  हर लम्हा हो जाता हूँ 

हसरतें खत्म  नहीं  हुई  तुझसे  बिछड़ कर 
मैं आज भी तेरी मोहब्बत के लिये तरसता हूँ 

दिल  में  छिपी  तेरी  यादों  से 
मैं  आज  भी  खुद  को  सवांरता  हूँ  

तेरा हँसना वो रोना , तेरा रूठना वो मनाना 
तेरा शर्माना  तेरा  इठलाना ,  तेरा  चलना
तेरी  लचकती  कमर ,  उसका  बलखाना

तेरा आना  तेरा जाना  ,  वो  जुल्फें उनका
लहरना  ,  वो गुलाबी होंठ उनका मुस्करना 
वो राहें   तेरी  बाहें  ,  वो सांसे   तेरी आहें

वो जवाँ दिन  वो हसीन रातें , तेरी बातें वो
मुलाकातें, सब कुछ बड़ा सहेजकर रखता हूँ 
एक एक  पल  बड़ा  सजों कर  रखता  हूँ 

यादों का एक  शैलाब उमडकर आता है
मैं  आज भी  जब  उन रहों से गुजरता हूँ 

रोज़ नये पत्ते निकल आते है ज़िन्दगी में, मगर
तेरी  यादों के दरख्तों  में पतझड नही आती है

मेरी रूह का तेरी रूह से बड़ा गहरा नाता है
तु कहीं भी हो मगर मेरे दिल से नहीं जाती है

तेरे हसीं पलो को याद करता हूँ नाम आता है
तेरा लबों पे तो, उदासियों में भी मुस्कुराता हूँ 

तेरे इश्क़ की ख़ुमारी इस कदर है मुझपे
तेरे प्यार को  मैं  कभी भूल नहीं पाता हूँ 

दिन  महिने  साल   की  बात  करते  हो 
तेरे बिना तन्हा मैं  हर लम्हा हो जाता हूँ 


By _ Vipin Dilwarya 


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