तु नहीं तो मैं नहीं ( गज़ल ) by Vipin Dilwarya
तु नहीं तो मैं नहीं
तु नहीं तो मैं नहीं ,
तेरे बिना ये ज़िन्दगी अब कुछ नही
जिंदा हूँ मगर बेज़ान हूँ ,
तेरे साथ ज़िन्दगी आबाद थी
तुझसे बिछड़कर अब वीरान हूँ
तुम बिन नातमाम हूँ ,
मैं खुद को नागवार लगने लगा
तेरे बिना मैं खुद भी
खुद को अनजान लगने लगा
सुनसान राहें दूर तलक,
अब घर भी मुझे शमशान लगने लगा
इंतज़ार करती मेरी हर उम्मीद
तेरी राह तकती कभी थमती नहीं
तु कभी आती नहीं , मगर
तेरी याद कभी दिल से जाती नहीं
खामोश निगाहें ठहर सी गई है
अब निगाहें भी कुछ बयां करती नहीं
तु नहीं तो मैं नहीं ,
तेरे बिना ये ज़िन्दगी अब कुछ नही
नातमाम - अपूर्ण
नागवार - अप्रिय
__ विपिन दिलवरिया
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