हमें बुलाईये तो सही ( shagari ) by Vipin Dilwarya
हमें बुलाईये तो सही
ख्वाहिश जो भी है
दिल की हमें बताईये तो सही
छेड़ दूँगा मैं दिल के सारे साज़
लबों से कुछ गुन गुनाईये तो सही
और किस्से क्या सुनाते हो ख्वाबों के
कभी हकीक़त में अजमाईए तो सही
तोड़ दो सारी बंदिशे,
होने दो तकरार नतीज़ा जो हो देखा
जायेगा पहले आप हमें बुलाईये तो सही
__विपिन दिलवरिया
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