Part - 1 Thoughtfull Shayari by Vipin Dilwarya
Thoughtfull Shayari
(1)
बहुत कुछ दिया है मुझे इस तन्हाई ने
कौंन कहता है तन्हाई बुरी होती है
अगर लिखना है कुछ गहरा सा
तो उसके लिये तन्हाई जरुरी होती है
(2)
गांव के चौड़े रास्ते छोड़कर
शहर की गलियों में आ फसें है
घर कुटुंब खानदान सब अपनों
को छोड़कर यहां गैरो में आ बसें है
(3)
परास्त है जिसके आगे
दुनिया का हर तानाशाह
वो डॉ भीमराव अंबेडकर
जो है कलम का बादशाह
(4)
इन्सान की इंसानियत
मर गई मानव की मानवता
हरा सफेद केसरी भगवा
कोई चौला तो ना था
इनसे अच्छा तो वो दानव था
(5)
मान देते है सम्मान देते है
उनको एक अलग पहचान देते है
सलाम है उन वीर जवानो को
जो इस मिट्टी के लिये जान देते है
(6)
जहाँ दंगा है जहाँ तनाव है
समझलो वहाँ चुनाव है
प्यार मोहब्बत और कुर्बत
तो बहुत है इस कायनात में
मगर जहां सियासत है वहाँ मनमुटाव है
(7)
ना मगरूर है ना मजबूर है
महनतकश इन्सान है साहब हम मजदूर है
दो वक्त की रोटी के लिये, देश की
तरक्की के लिये हर वक्त में हम तैयार है
ना नेता ना सैनिक , ना सरकारी
कर्मचारी मगर हम कामगार देशभक्त जरुर है
ना मगरूर है ना मजबूर है
महनतकश इन्सान है साहब हम मजदूर है
By _ Vipin Dilwarya
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