Part - 2 Thoughtfull Shayari - by Vipin Dilwarya
Thoughtfull Shayari
(1)
ना हिन्दु ना मुसलमान ,ना सिख ना हूँ मैं इसाई
इंसानियत जिसका धर्म वो इन्सान हूँ मेरे भाई
हर रंग को सजोंकर रखता है अपनी पेशानी पर
तिरंगा जिसकी शान मैं वो हिंदुस्तान हूँ मेरे भाई
(2)
ऐसा वक्त भी ला देंगे
काक्का कि वक्त भी ठहरा देंगे
जब निकलेगा तेरा लाल
सडकों पे तो दुश्मन भी पहरा देंगे
(3)
हमको आदत है गुनगुनाने की
कुछ लिखने की कुछ सुनाने की
जहाँ लोगो की कलम रुक जाती है
हमको आदत है वहीं से कलम चलाने की
(4)
दौलत नहीं काम चाहियें
शौहरत नहीं नाम चाहियें
भीड़ मे तो दुनियां चलती है
मुझे दुनियां मे पहचान चाहियें
(5)
अक्सर गैरो से नज़दीकियाँ बढ़ जाती है
जनाब जब अपने दूरियाँ बना लेते है
(6)
अक्सर जो तस्वीरों में साथ होते है
वो तकलीफों में दग़ा दे जातें है
(7)
अगर सच से मोहब्बत होती
साहब तो ज़िन्दगी से प्यार ना होता
(8)
धूप में निकला एक परछाई नज़र आई
तो लगा कि मेरे साथ भी कोई रहता है
(9)
ये आईना भी अब ऐसे निहारता है
मानो, जैसे कोई एहसान उतरता है
By _ Vipin Dilwarya
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