एक मैं और तुम by Vipin Dilwarya
एक मैं और तुम
एक मैं और तुम...
जैसे दरिया के दो किनारे....
जिस राह चलें...
एक साथ रहे एक साथ चलें....
बहता पानी कम हुआ...
तो नज़दीक आने लगे....
बहता पानी बढ़ गया...
तो दूर जाने लगे....
सदियाँ गुज़र गई...
वस्ल के इंतज़ार में....
हाँ...
एक मैं और तुम...
कभी एक ना हो सके...
__विपिन दिलवरिया
This is a awesome post I love this information
ReplyDeleteI love hindi Shayari photos also you can then check it out
Gajab
ReplyDeleteThank you so much
Deleteवाह क्या खूब कहा🌹🌹👌👌
ReplyDeleteThank you so much 🙏🙏🙏😊😊
Delete